पुलिस का कारनामा – दो साल पहले जिस शख्स की हुई मौत, उसके नाम नोटिस, बयान किए दर्ज और हस्ताक्षर भी करा लिए

आगरा| आगरा के थाना हरीपर्वत पुलिस द्वारा एक विवेचना में घोर लापरवाही देखने को मिली है । पुलिस ने दो साल पहले एक मृत व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है।सिर्फ इतना ही नहीं उसके बयान दर्ज करने से लेकर नोटिस तक तामील करा दिया है । हस्ताक्षर भी करा लिए। साक्ष्यों को आधार बनाकर चार्जशीट लगा दी। यही नहीं आरोपी एक अन्य व्यक्ति को जेल भी भेजा। जमानत पर जेल से बाहर आने पर पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और विवेचना पर सवाल उठाए। इस पर थाने में तैनात रहे चार दरोगा और फाइनेंस के मैनेजर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच के आदेश किए गए हैं। बता दें कि दयानंद नगर, नगला पदी निवासी मंगल सिंह राना ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया। उन्होंने बताया कि 10 साल पहले परिचित लालगढ़ी निवासी प्रताप सिंह ने कार खरीदी थी। इसके लिए दीवानी चाैराहे के विनायक माॅल स्थित श्रीराम फाइनेंस से 1,43,381 रुपये का ऋण लिया था। इसमें वो गारंटर थे। प्रताप सिंह का देहांत 12 सितंबर 2016 को हो गया। 28 सितंबर 2016 को मृत्यु प्रमाणपत्र जारी हुआ। 25 दिसंबर 2018 को फाइनेंस कंपनी के मैनेजर नवीन गाैतम ने कोर्ट के आदेश पर एक केस थाना हरीपर्वत में दर्ज कराया।

इसमें प्रताप सिंह और उनको (मंगल सिंह) नामजद किया। मुकदमे की विवेचना हरीपर्वत थाने में तैनात रहे दरोगा मनीष कुमार, राजीव तोमर, राकेश कुमार और अमित प्रसाद ने की। केस में मैनेजर नवीन गौतम ने आरोप लगाया था कि अगस्त 2018 को प्रताप सिंह और अन्य ने गालीगलाैज, जान से मारने की धमकी दी। इसमें धोखाधड़ी के आरोप भी लगाए। मंगल सिंह का आरोप है कि केस की जानकारी नहीं दी गई। विवेचक ने कोई संपर्क नहीं किया। हस्ताक्षर भी नहीं लिए गए। विवेचक अमित प्रसाद ने पर्चा संख्या पांच में वादी मुकदमा के बयान दर्ज किए।

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