आगरा में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने 22 अक्टूबर को 8 करोड़ की नकली दवाएं पकड़ीं। ये दवाएं पुलिस चौकी से सिर्फ 1 किलोमीटर दूर फैक्ट्री में तैयार की जा रही थीं। फैक्ट्री को खोलने वाला दवा माफिया विजय गोयल 8 महीने पहले ही जमानत पर छूटकर बाहर आया है।पिछले 4 महीने से विजय लगातार हिमाचल के चक्कर लगा रहा था। नारकोटिक्स टीम की ट्रेसिंग में फैक्ट्री की लोकेशन मिलने के बाद बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया।
विजय ने सिर्फ 4 महीने में अपने नेटवर्क से 80 करोड़ रुपए की एलर्जी, पेट दर्द, डायबिटिज, कैंसर, एंटीबायोटिक और नशे की महंगी नकली दवाएं बाजार में खपा दीं। दवा माफिया विजय गोयल ने दवा फैक्ट्री में पूरा सेटअप तैयार किया था। जिन मशीनों के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है, उन्हें दोगुनी कीमत पर हिमाचल प्रदेश से खरीदकर लाया गया। 3 करोड़ रुपए की लागत से 16 मशीनें यहां लगाई गई थीं।
आइकॉन सिटी, मघटई के विजय गोयल के खिलाफ जुलाई, 2023 में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने कार्रवाई की थी। सिकंदरा और बिचपुरी क्षेत्र में नकली-नशीली दवाओं की फैक्ट्रियां पकड़ी थीं। विजय गोयल, नरेंद्र शर्मा समेत सात लोगों को जेल भेजा था।फरवरी, 2024 में विजय जमानत पर जेल से बाहर आया था। जबकि, नरेंद्र शर्मा पहले ही रिहा हो गया था। बाहर आने के 4 महीने बाद दोनों ने सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र में जोनल पार्क रोड पर दोबारा फैक्ट्री खोली। यह जगह उसने 30 हजार रुपए महीने किराए पर ली थी। हिमाचल प्रदेश से मशीनें और कच्चा माल ले आया था।