पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी शाह महमूद कुरैशी को अदियाला जेल के बाहर से बुधवार को एक बार फिर से गिरफ्तार किया गया। पीटीआई ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सिफर मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद शाह महमूद कुरैशी को अदियाला जेल के बाहर से फिर से गिफ्तार किया गया। इससे जुड़ा हुआ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी शाह महमूद कुरैशी को अदियाला जेल के बाहर से बुधवार को एक बार फिर से गिरफ्तार किया गया। बता दें कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) के उपाध्यक्ष शाह महमूह कुरैशी को पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने सिफर मामले में जमानत दे दी थी, लेकिन बुधवार को उन्हें फिर से अदियाला जेल के बाहर से गिरफ्तार कर लिया गया।
पीटीआई ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सिफर मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद शाह महमूद कुरैशी को अदियाला जेल के बाहर से फिर से गिफ्तार कर लिया गया। इससे जुड़ा हुआ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में 67 वर्षीय पूर्व विदेश मंत्री को पंजाब पुलिस की वर्दी पहने एक अधिकारी बख्तरबंद पुलिस वाहन में जबरन ले जाते हुए दिखाई दे रहा है और शाह महमूद कुरैशी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं।
हिरासत का आदेश लिया गया वापस
पीटीआई ने कहा कि रावलपिंडी के डिप्टी कमिश्नर हसन वकार चीमा ने मंगलवार को शाह महमूद कुरैशी की 15 दिन की हिरासत वाला जारी आदेश वापस ले लिया है। हालांकि, पुलिस ने इस मामले में अब तक कोई टिप्पणी नहीं की।
क्या कुछ बोले शाह महमूद कुरैशी?
पूर्व विदेश मंत्री ने गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए कहा कि पुलिस सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का मखौल उड़ा रही है और क्रूरता और अन्याय चरम पर है। उन्होंने कहा कि वे मुझे फिर से झूठे मामले में गिरफ्तार कर रहे हैं। उन्होंने कहा,
शाह महमूद कुरैशी का गिरफ्तारी का वीडियो अदियाला जेल से बाहर निकलने के बाद शाह महमूद कुरैशी ने मीडिया से कहा, कि यह “उत्पीड़न, अन्याय है, यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मजाक है।” उन्होंने कहा, ”मुझे बिना किसी कारण के राजनीतिक उत्पीड़न का शिकार बनाया जा रहा है।
” इस साल की शुरुआत में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के परिसर से भ्रष्टाचार के एक मामले में पीटीआई के संस्थापक इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद 9 मई को हुए दंगों से संबंधित मामलों में कुरैशी को जेल में रखा गया है।
सूत्रों के मुताबिक, शाह महमूद कुरैशी को जीएचक्यू हमले के मामले में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें आतंकवाद विरोधी अदालत (एटीसी) में पेश किया जाएगा। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाह महमूद कुरैशी को रावलपिंडी के डिप्टी कमिश्नर द्वारा जारी किए गये 3-एमपीओ हिरासक आदेश को रद्द किए जाने के बाद रावलपिंडी पुलिस ने फिर से उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पीटीआई नेता को आरए बाजार और सदर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों द्वारा एक बख्तरबंद वाहन में रावलपिंडी के एक पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया गया है।
रावलपिंडी के उपायुक्त हसन वकार चीमा ने 9 मई के हिंसक विरोध प्रदर्शन में कथित संलिप्तता को लेकर एक दिन पहले ही कुरेशी की हिरासत का आदेश जारी किया था। साइफर मामले (गोपनीय दस्तावेज लीक) में विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुअल हसनत ज़ुल्कारनैन द्वारा उनकी रिहाई के आदेश जारी करने के कुछ समय बाद ही कुरैशी को हिरासत में लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह साइफर मामले में उनकी जमानत को मंजूरी दे दी थी।
एक बयान में, रावलपिंडी पुलिस ने कहा, कि उन्हें 9 मई के मामलों के संबंध में कुरैशी से पूछताछ करने के लिए कहा गया था, उन्होंने कहा कि पीटीआई नेता पर हिंसक विरोध प्रदर्शन से संबंधित मामलों में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने कहा कि क़ुरैशी को साइफर मामले में जमानत दे दी गई थी लेकिन उसकी 15 दिन की हिरासत का आदेश जारी किया गया था। कुरैशी के हिरासत आदेश में कहा गया है, कि रावलपिंडी के पुलिस अधिकारी (सीपीओ) ने एक पत्र के माध्यम से सूचित किया था, कि कुरैशी एक राजनीतिक दल का सदस्य हैं, जो राज्य विरोधी गतिविधियों में शामिल थे और सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे।
पत्र में कहा गया हैस कि “संभावना है कि जेल से रिहा होने के बाद, वह फिर से अपनी गतिविधियां जारी रखेंगे, जिससे कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है, जो आम जनता के जीवन और संपत्ति के लिए हानिकारक हो सकती है।” पत्र में कहा गया है, कि रावलपिंडी सीपीओ ने सिफारिश की है, कि कुरैशी को उसकी गैरकानूनी गतिविधियों से रोकने के लिए 45 दिनों के लिए हिरासत में लिया जाए।
यूक्रेन का जवाबी हमला
हवाई हमले के एक दिन बाद यूक्रेनी युद्धक विमानों ने क्रीमिया के पास काला सागर में रुके एक रूसी जहाज को क्षतिग्रस्त किया। इस 22 महीने के युद्ध में दोनों ही देश की सेना पीछे नहीं हट रही है।
यूक्रेन के आंतरिक मंत्री इहोर क्लिमेंको के अनुसार, रात भर में, क्रेमलिन की सेना ने खेरसॉन क्षेत्र पर तोपखाने और ड्रोन से बमबारी की, जब लगभग 140 नागरिक क्षेत्र की इसी नाम की राजधानी में ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। गोलाबारी में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और दो अन्य पुलिस अधिकारी, साथ ही दो नागरिक घायल हुए है।
कीव में ट्रेन का इंतजार कर रहे थे 100 लोग
राष्ट्रीय रेल ऑपरेटर उक्रजालिज़्नित्सिया ने कहा कि हमले के समय ट्रेन का इंतजार कर रहे 100 से अधिक लोग बुधवार सुबह कीव पहुंचे। क्षेत्रीय गवर्नर ऑलेक्जेंडर प्रोकुडिन ने कहा कि खेरसॉन क्षेत्र और इसकी राजधानी पर हमले ने आवासीय क्षेत्रों और एक मॉल को प्रभावित किया और साथ ही बिजली ग्रिड को भी प्रभावित किया, जिससे सर्दी की ठंड के दौरान खेरसॉन शहर के लगभग 70 प्रतिशत घरों में बिजली नहीं रही। उन्होंने कहा कि यह अनुमान लगाना तत्काल संभव नहीं है कि बिजली कब बहाल होगी।
क्षेत्रीय गवर्नर ओलेह किपर ने कहा कि दक्षिणी यूक्रेन के एक अन्य प्रमुख शहर ओडेसा में ड्रोन हमले में दो लोगों की मौत हो गई और एक 17 वर्षीय व्यक्ति सहित तीन घायल हो गए। यूक्रेन की वायु सेना ने कहा कि उसने रूस द्वारा रात भर में दागे गए 46 ड्रोनों में से 32 को रोक दिया।