न्याय की मांग को लेकर आत्मदाह करने वाली छात्रा की मौत ने मचाया हड़कंप
मंगलवार 15 जुलाई 2025 को ओडिशा के बालासोर जिले में एक 21 वर्षीय बी.एड छात्रा की मौत ने पूरे देश में हलचल मचा दी है. फकीर मोहन स्वायत्त कॉलेज की इस छात्रा ने यौन उत्पीड़न के एक मामले में न्याय न मिलने पर 12 जुलाई को कॉलेज गेट के सामने आत्मदाह कर लिया था. 95 प्रतिशत तक झुलस चुकी इस छात्रा का इलाज भुवनेश्वर के एम्स में चल रहा था, जहां सोमवार रात उसने दम तोड़ दिया. इस घटना ने राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों का गुस्सा भड़का दिया है.
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस घटना को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने इसे आत्महत्या नहीं, बल्कि सिस्टम द्वारा सुनियोजित हत्या करार दिया. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि छात्रा ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई, लेकिन उसे न्याय के बजाय धमकियां, प्रताड़ना और बार-बार अपमान का सामना करना पड़ा. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का सिस्टम हमेशा की तरह आरोपियों को बचाता रहा, जिसने एक मासूम छात्रा को आत्मदाह जैसा कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर किया. राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ने और जवाब देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि देश की बेटियां सुरक्षा और न्याय की हकदार हैं, न कि सिस्टम के उत्पीड़न की.
कांग्रेस के साथ-साथ बीजू जनता दल (बीजद) ने भी इस घटना पर सरकार को घेरा है. बीजद नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इसे सिस्टम की विफलता बताया और कॉलेज प्रशासन व सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. बीजद और कांग्रेस ने 17 जुलाई को ओडिशा बंद का ऐलान किया है. दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए इसे सस्ती राजनीति करार दिया. उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार पीड़िता के परिवार के साथ है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
छात्रा की मौत के बाद बालासोर में तनाव का माहौल है. कॉलेज के बाहर 1 जुलाई से ही प्रोफेसर के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होने से छात्रा ने यह कदम उठाया. इस घटना ने महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. विपक्ष का कहना है कि यह घटना ओडिशा में बेटियों की सुरक्षा के प्रति सरकार की लापरवाही को दर्शाती है.