दिल्ली। दिल्ली के चुनावी मैदान में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के रणनीतिकारों ने माइक्रो बूथ मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया गया है। कांग्रेस ने जीतने वालो उम्मीदवारों का फोकस बढ़ाया है तो आम आदमी पार्टी चुनाव प्रचार में बचे दो दिन में भी सभी दांव खेलने जा रही है।
भाजपा मुख्यालय के एक नेता ने जमीनी सवाल पर कहा है कि अब प्रचार के लिए कम ही समय बचा हुआ है। थोड़ा इंतजार कीजिए। आईसेल से जुड़े नेता ने माना है कि कुछ विसंगतियां रहती हैं, उन्हें समय से दूर भी कर लिया जाता है। इसके अलावा कुछ रणनीतिक तैयारी भी की जाती है और इसके अच्छे परिणाम भी आते हैं। भाजपा के अंदरखाने से खबर है कि हर विधानसभा में मतदाताओं को विभिन्न वर्गों में बांटा गया हैं। उन्हें लुभाने के लिए केंद्र और राज्यों के नेताओं, मंत्रियों, सांसदों, विधायकों को जिम्मेदारी भी दी जा रही है। सभी को जिम्मेदारी के साथ विधानसभा से भी जोड़ा गया है। पार्टी के संगठन मंत्री ने भी सक्रियता और फीडबैक की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा कहते हैं कि इस बार दिल्ली में बदलाव लाना ही है। यह बदलाव ज़रूर आएगा। मनोज तिवारी पूर्वांचल के मतदाता प्रभावित क्षेत्रों को लेकर अधिक संवेदनशील भी हैं। जबकि आशीष सूद पद यात्रा, जन संपर्क और कार्यकर्ताओं में जोश भरने में लगे हुए हैं। दिल्ली में चुनावी स्थिति पर लगातार भाजपा अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रिपोर्ट भी ले रहे हैं।
कांग्रेस को इस बार खाता खुलने और सीटें जीतने की है पूरी आस; कांग्रेस के नेता देवेंद्र यादव, संदीप दीक्षित, अनिल चौधरी जमीन पर मिल रहे उत्साह से काफी उत्साहित भी हैं। संदीप दीक्षित तो साफ कह रहे हैं कि वह चुनाव लड़ रहे हैं और जीतेंगे भी। दिलचस्प है कि वोट बंटवारे को ध्यान में रखकर भाजपा के सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के समर्थन में प्रयास तेज कर दिया गया है। एक प्रमुख प्रत्याशी के करीबी ने फोन पर माना कि कांग्रेस को लड़ता हुआ दिखाने का निर्देश ऊपर से ही आया है। भाजपा के नेता भी मानते हैं कि कांग्रेस के सात मुस्लिम प्रत्याशी अपने क्षेत्र में ही चुनाव लड़ रहे हैं। और इनमें से दो खाता खोल सकते हैं। नई दिल्ली सीट पर संदीप दीक्षित की अपील मतदाताओं में ही चल रही है।
सबकी धार चित करने की तैयारी में अरविंद केजरीवाल; दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सभी 70 सीटों पर प्रचार अभियान को तेज कर दिया गया है। पटपड़ गंज में भाजपा के पास रवीन्द्र सिंह नेगी जैसा मजबूत उम्मीदवार है, लेकिन भाजपा के पहाड़ी उम्मीदवार को काटने के लिए आप पार्टी के नेता अवध ओझा के पक्ष में पूर्वांचल का दांव भी खेल रहे हैं।
राजेश चौधरी आम आदमी पार्टी के साथ शुरू से जुड़े हैं। वे कहते हैं कि दिल्ली में अपने कोर वोट को सबसे अच्छा आम आदमी पार्टी ही पहचानती है। 2013 और उसके बाद से दिल्ली में हमारा यह वर्ग खड़ा हुआ ही है। राजेश चौधरी कहते हैं कि इस वर्ग में केवल 3-4 प्रतिशत वोट छिटकने की ही संभावना है। 2020 की तुलना में हमारी सीटों में भी छिटकने वाले वोटों की संभावना को देखते हुए अधिकतम पांच-छह का फर्क ही आ सकता है।
राजेश चौधरी कहते हैं कि आम आदमी पार्टी के फ्री..फ्री… की आलोचना करने वाली कांग्रेस और भाजपा के नेता हमसे ज्यादा फ्री देने का भी वादा कर रहे हैं। और उनका शीश महल का आरोप चल नहीं पा रहा है और सच्चाई को दिल्ली का मतदाता भी जान रहा है। चौधरी कहते हैं कि केजरीवाल भाजपा ऐसे ही हमला नहीं बोल पा रहे हैं। और वह हर रोज भाजपा को नफा नुकसान तय करके कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। दूसरे भाजपा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री का चेहरा अभी तक घोषित नहीं किया है और केजरीवाल के चेहरे का हमें पूरा लाभ मिल रहा है।