RSS के गढ़ से नई जान फूंकने की तैयारी, स्थापना दिवस पर महारैली में जुटेंगे खरगे, राहुल और सोनिया; कांग्रेस ने नागपुर को ही क्यों चुना?

Congress Maharally कांग्रेस अपने 138वें स्थापना दिवस पर आरएसएस के गढ़ यानी नागपुर में मेगा रैली करके चुनावी शंखनाद करने के साथ संगठन में नया जीवन फूंकने की तैयारी कर रही है। रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी सहित अनेक बड़े नेता उपस्थित रहेंगे। कांग्रेस इस रैली से केंद्र की सत्ता दोबारा पाने की कोशिश करेगी।


लोकसभा चुनाव को निकट आते देख कांग्रेस ने अपनी कमर कस ली है। आज कांग्रेस अपने 138वें स्थापना दिवस पर आरएसएस के गढ़ यानी नागपुर में मेगा रैली करके चुनावी शंखनाद करने के साथ संगठन में नया जीवन फूंकने की तैयारी कर रही है।


इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी सहित अनेक बड़े नेता उपस्थित रहेंगे।

10 साल से केंद्र में सत्ता के सूखे को खत्म करने की तैयारी


रैली की तैयारियों में जुटे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले इतिहास की कुछ पुरानी बातें याद करते हुए कहते हैं कि 1920 में नागपुर में हुए कांग्रेस अधिवेशन में ही महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी। इसके बाद उनके नेतृत्व में शुरू हुए आंदोलन ने देश को आजादी दिलाई।

फिर आपातकाल के तुरंत बाद 1978 में इंदिरा गांधी नागपुर आई थीं। उन्होंने इसी शहर के मशहूर कस्तूरचंद पार्क में विशाल रैली करके अपने दूसरी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। अब करीब 10 साल से केंद्र में सत्ता के सूखे से जूझ रही कांग्रेस एक बार फिर नागपुर में ही मेगा रैली करके अपने संगठन में ऊर्जा का संचार करना चाहती है।


महाराष्ट्र में रैली की ये है वजह


नागपुर को भारत का केंद्र बिंदु माना जाता है। यहां स्थित जीरो माइल इसी का प्रतीक है। कांग्रेस इसी केंद्र बिंदु से अपने देशभर के कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार करना चाहती है।

इसीलिए, यहां न केवल उसका पूरा सांगठनिक शीर्ष नेतृत्व उपस्थित रहने वाला है, बल्कि देश भर के उसके विधायक और सांसद भी इस रैली में आने वाले हैं। तैयारियां भी उसी स्तर की हो रही हैं।

‘हैं तैयार हम’ है रैली का थीम


दिघोरी नाका स्थित इस मैदान को ‘भारत जोड़ो’ मैदान नाम दिया गया है और महारैली का घोष वाक्य ‘हैं तैयार हम’ रखा गया है। मंच के बीच के हिस्से में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के पदाधिकारियों के साथ मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उपस्थित रहेंगे।

उनके बाईं ओर महाराष्ट्र कांग्रेस समिति के सभी पदाधिकारियों और दाईं ओर देश भर से आ रहे विधायकों एवं सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है। इस प्रकार मंच पर 650 से अधिक विशिष्ट व्यक्ति नजर आएंगे। रैली में 10 लाख लोगों के आने का दावा किया जा रहा है।

आरएसएस का गढ़ माना जाता है नागपुर


बता दें कि नागपुर से न सिर्फ कांग्रेस के लिए ऐतिहासिक महत्व का नगर है, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय भी यहीं है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं नितिन गडकरी एवं देवेंद्र फडणवीस का शहर और चुनाव क्षेत्र भी यही है।


कांग्रेस 28 दिसंबर की पार्टी के 139वें स्थापना दिवस पर महाराष्ट्र के नागपुर शहर में होने वाली अपनी मेगा रैली की थीम है. ‘हैं तैयार हम’. इसके साथ अगले साल के लोकसभा चुनावों के लिए अपने अभियान की शुरुआत करने के लिए पूरी तरह तैयार है. राहुल गांधी का नागपुर की रैली के लिए कांग्रेसियों को बड़ा संदेश है. आरएसएस से सीधे मुकाबले के लिए हैं तैयार हम.


गौरतलब है कि नागपुर आरएसएस का मुख्यालय है. उसी नागपुर में 28 दिसंबर को कांग्रेस की स्थापना दिवस रैली है, जिसका थीम पहले ही रखा गया है-हैं तैयार हम.

पार्टी नेताओं के मुताबिक, सभा को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी संबोधित करेंगे. इसके अतिरिक्त सभा में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य, एआईसीसी और महाराष्ट्र सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता भाग लेंगे.

भाजपा से मुकाबले का कांग्रेस देगी संदेश


सभा में पार्टी इकाई के पदाधिकारी और विभिन्न राज्यों में पार्टी के सीएम भी हिस्सा लेंगे. पार्टी नेताओं का कहना है कि यह देश के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा. उन्होंने कहा कि पार्टी केंद्र में भाजपा को हराने के लिए बदलाव का संदेश देगी.

महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी के रूप में जाने जाने वाला नागपुर, जिसे देश का भौगोलिक केंद्र माना जाता है, विदर्भ क्षेत्र के केंद्र में स्थित है. नागपुर से कांग्रेस आरएसएस और भाजपा से मुकाबला का संदेश देगी. इस तरह से इस रैली के माध्यम से कांग्रेस लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज करेगी.

नागपुर कांग्रेस का रहा है गढ़


नागपुर से कांग्रेस का जुड़ाव भारत की आजादी से पहले का है. दिसंबर 1920 में आयोजित कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन में महात्मा गांधी के नेतृत्व में पार्टी ने अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया था.

नागपुर हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा है. आपातकाल के दौरान समाजवादी नेता जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में “इंदिरा हटाओ, देश बचाओ” आंदोलन के दौरान भी, कांग्रेस ने नागपुर में अपना मैदान बरकरार रखा था. 1980 से 2019 तक, बीजेपी केवल तीन बार-1996, 2014 और 2019 में नागपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल कर पाई है.

कांग्रेस ने कहा है कि वह महात्मा गांधी के नेतृत्व वाले स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी नेताओं द्वारा बनाए गए संविधान द्वारा परिकल्पित “भारत के विचार” पर दावा करने के लिए भाजपा-आरएसएस के साथ एक वैचारिक लड़ाई में लगी हुई है.

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