टनल के निर्माण पर अडाणी ग्रुप पर उठे सवाल, विपक्ष ने सरकार को घेरा!!

उत्तरकाशी में रेस्क्यू ओपरेशन हुआ सफल, लोगो का कहना मोदी है तो सब संभव है
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल के गिरने के बाद उसमें फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था । वहीं, अब इस मामले पर सियासी भी शुरू हो गई है। सवाल किया जा रहा है कि उत्तराखंड की गुफा को कौन सी कंपनी द्वारा बनाया गया था? साथ ही online मीडिया पर सुरंग निर्माण में अदाणी ग्रुप का नाम लिया जा रहा है। इसके बाद अदाणी ग्रुप द्वारा अपनी सफाई जारी की है। कंपनी के प्रतिनिधि ने बयान जारी कर इन बयानों को बेबुनियाद बताया जा रहा है।
अदानी ग्रुप द्वारा दिया गया बयान
निर्माणाधीन टनल के गिरने के बाद शुरू हुई दवेबजि पर अदाणी समूह के प्रतिनिधि ने स्पष्ट रूप से जारी किया है। इसमें कहा गया है कि उत्तराखण्ड में सुरंग में फंसे मजदूरों के मामले में कुछ लोग अदाणी ग्रुप से लिंक कर रहे जो सरासर बेबुनियाद है। अदाणी ग्रुप या उसकी किसी भी कंपनी का ऐसे किसी भी सुरंग बनाने में कोई भी भागीदारी नहीं है। कंपनी को इससे जोड़ने का प्रयास निन्दा है। टनल में फँसे मजदूरों के जल्द उससे बाहर निकाला जा सके यह प्रार्थना है।

बताया जा रहा है कि उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल से निकाले गये 41 श्रमिकों में से एक श्रमिक के पिता की बेटे को निकाले जाने से कुछ घंटे पहले ही ‘‘चिंता के कारण’’ मौत हो गई. उनके परिवार ने यह जानकारी दी. बेटे के सुरंग से बाहर निकलने से कुछ घंटे पहले ही झारखंड के रहने वाले बारसा मुर्मू (70) ने अपनी आखिरी सास ली. उनके परिवार के सदस्यों ने बुधवार को बताया कि बारसा मुर्मू 12 नवंबर को सुरंग के ढहने की खबर सुनने के बाद अपने बेटे 28 वर्षीय भक्तू के लिए चिंता में थे।

उत्तराखंड में चल रहे बचाव अभियान सफल हो गया है, टनल के अंदर फसे 41 मजदूरों को 17 दिन के बाद निकाला गया है, उत्तराखंड की CM पुष्कर सिंह धामी खुद मौके पर मौजूद रहे पूरे देश की नज़र इस ओपरेशन पर थी। आखिर यह रेस्क्यू operation सफल हुआ प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जी के साथ सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बहुत बधाई दी।

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