राहुल गांधी के ‘जी हुजूर’ बयान पर भड़की BJP: ‘घटिया और अपरिपक्व’, सेना के बलिदान का अपमान

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ऑपरेशन सिंदूर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए गए बयान को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। राहुल गांधी ने मंगलवार को भोपाल में कहा था कि भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इशारे पर पीएम मोदी ने ‘जी हुजूर’ कहकर सीजफायर कर दिया। इस बयान पर भाजपा ने तीखा पलटवार करते हुए इसे ‘घटिया’ और ‘अपरिपक्व’ करार दिया।

भाजपा का तीखा हमला
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के नेता का यह बयान उनकी गंभीरता और परिपक्वता की कमी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भारतीय सेना के शौर्य की तुलना ‘आत्मसमर्पण’ से करके सैनिकों का अपमान किया है। त्रिवेदी ने दावा किया कि कांग्रेस और उसके नेताओं के इतिहास में ‘आत्मसमर्पण’ के कई उदाहरण हैं, जैसे 1971 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस न लेना और 26/11 मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान के साथ बातचीत जारी रखना। उन्होंने कहा, “भारत कभी झुकता नहीं, हमारी सभ्यता हजारों सालों के आक्रमणों के बाद भी जीवंत है। हमारे पीएम नरेंद्र मोदी भारत मां के शेर हैं।”

राहुल पर ‘बीमार मानसिकता’ का आरोप
त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी का बयान इतना निम्न स्तर का है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुखों या आतंकवादी संगठनों ने भी ऐसी बात नहीं की। उन्होंने राहुल के 2023 के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने विदेशी ताकतों से भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षERVEक्षेप की मांग की थी, जो ‘असली आत्मसमर्पण’ है।

निशिकांत दुबे ने भी साधा निशाना
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी को घेरते हुए कहा कि असली आत्मसमर्पण का उदाहरण 1962 का भारत-चीन युद्ध है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने चीन के सामने घिघियाते हुए पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि नेहरू ने श्रीलंका के पीएम को मध्यस्थ बनाकर चीन से आत्मसमर्पण की बात की थी।

राहुल का पलटवार: ‘कांग्रेस कभी नहीं झुकती’
राहुल गांधी ने भोपाल में कहा था कि 1971 में इंदिरा गांधी ने अमेरिकी दबाव के बावजूद पाकिस्तान को हराया था। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेता गांधी, नेहरू और पटेल कभी सुपरपावर के सामने नहीं झुके। उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर दबाव में पीछे हटने का आरोप लगाया।

यह सियासी जंग ऑपरेशन सिंदूर और सेना की कार्रवाई को लेकर और तेज होने की संभावना है।

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