आगरा में आलू की खेती में क्रांति. अंतरराष्ट्रीय केंद्र में टिशू कल्चर से तैयार होंगे बीज

एपिकल रूट कटिंग तकनीक से बढ़ेगा उत्पादन. गर्मी में भी संभव होगी खेती

आगरा के सींगना में स्थापित होने वाले अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र में आलू की विदेशी किस्मों के बीज अब पारंपरिक कंदों के बजाय टिशू कल्चर और रोपाई की उन्नत तकनीक से तैयार किए जाएंगे. इस प्रक्रिया में पहले प्रयोगशाला में टिशू कल्चर के जरिए पौधे विकसित होंगे. इसके बाद इन्हें पॉलीहाउस और नेट हाउस में उगाया जाएगा. तैयार बीज किसानों को खेतों में रोपाई के लिए उपलब्ध होंगे. यह तकनीक पेरू द्वारा विकसित एपिकल रूट कटिंग (एआरसी) विधि पर आधारित है. उप निदेशक उद्यान डॉ. धर्मपाल सिंह के अनुसार इस विधि में आलू के पौधे के शीर्ष भाग से कटिंग ली जाती है और इसे जड़ विकसित करने के लिए उगाया जाता है. इससे कम समय में अधिक और उच्च गुणवत्ता वाले पौधे प्राप्त होते हैं.

किसानों को मिलेगा लाभ

यह केंद्र आगरा के 138 हेक्टेयर में फैले राजकीय आलू फार्म के 10 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित होगा. पेरू के विशेषज्ञों की मदद से यहां कम पानी की आवश्यकता वाली आलू की किस्मों पर शोध होगा. यह तकनीक आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी और आसपास के जिलों के किसानों के लिए वरदान साबित होगी जहां पुखराज, कुफरी बहार, कुफरी आनंद, चिप्सोना, सूर्या, लालिमा और नीलकंठ जैसी किस्मों की खेती होती है. शोध का एक प्रमुख लक्ष्य गर्म मौसम में भी आलू की खेती को संभव बनाना है. आमतौर पर आलू ठंडे मौसम की फसल है और आगरा से फर्रुखाबाद तक ठंड में इसकी बुआई होती है. नई तकनीक से 12 महीने आलू उत्पादन की संभावना तलाशी जाएगी जिससे किसानों की आय बढ़ेगी.

आगरा मंडल में आलू की खेती का दायरा व्यापक है. आगरा में 71 हजार हेक्टेयर में 50 लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन होता है और 1.25 लाख किसान इससे जुड़े हैं. फिरोजाबाद में 60 हजार हेक्टेयर में 13.50 लाख मीट्रिक टन आलू का भंडारण होता है. मैनपुरी में 22,800 हेक्टेयर में 7.32 लाख टन और एटा में 7,450 हेक्टेयर में 2.08 लाख टन आलू पैदा होता है. कासगंज में 4,730 हेक्टेयर में 1.25 लाख टन उत्पादन होता है.

इस केंद्र की स्थापना में फतेहपुर सीकरी से भाजपा सांसद राजकुमार चाहर की भूमिका अहम रही. उन्होंने बताया कि दूसरी बार सांसद बनने के बाद उन्होंने इस केंद्र के लिए केंद्र और राज्य सरकार से लगातार प्रयास किए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री के समर्थन से यह सपना साकार हुआ. चाहर ने कहा कि यह केंद्र आलू की खेती में दक्षिण एशिया में आगरा का नाम रोशन करेगा और किसानों को उन्नत तकनीक व बीज उपलब्ध होंगे.

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