आगरा के मदरा गांव में बवाल। निर्दोषों के नाम हटेंगे लेकिन केस रहेगा

आगरा के बमरौली कटारा स्थित मदरा गांव में टोरंट कर्मियों और पुलिस पर पथराव के मामले में पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने सख्त रुख अपनाया है। सोमवार को ग्रामीणों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की। पुलिस आयुक्त ने स्पष्ट किया कि निर्दोष लोगों के नाम जांच के बाद केस से हटा दिए जाएंगे। लेकिन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई तय है और केस वापस नहीं लिया जाएगा।

ग्रामीणों ने पुलिस आयुक्त को बताया कि टोरंट कंपनी अनावश्यक बिल भेज रही है। ग्रुप मीटर हटाने और नए मीटर लगाने की प्रक्रिया में अनियमितताएं हैं। पुराने मीटर उखाड़े जा रहे हैं और लाइन हटाने या जोड़ने के लिए 600 रुपये वसूले जा रहे हैं। साथ ही अब दो मीटर लगाने की बात हो रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि केस में कई निर्दोष लोगों को फंसाया गया है। इस पर पुलिस आयुक्त ने आश्वासन दिया कि बिजली संबंधी समस्याओं का समाधान जिलाधिकारी और संबंधित विभाग के साथ बैठक में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोषियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई होगी।

सोमवार को किसान संगठनों ने फतेहाबाद रोड पर महापंचायत का ऐलान किया था। लेकिन पुलिस आयुक्त ने ग्रामीणों को बातचीत के लिए अपने कार्यालय बुलाया। बैठक में ग्रामीणों ने सहमति जताई। टोरंट के उपाध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि सकारात्मक माहौल में चर्चा हुई और जल्द ही जिलाधिकारी के साथ अगली बैठक होगी। भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने भी पुलिस आयुक्त को ज्ञापन सौंपा।

समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल भी पुलिस आयुक्त से मिला। उन्होंने ग्रामीणों के उत्पीड़न पर रोक लगाने। टोरंट की मनमानी खत्म करने और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। बैठक में अपर पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह। पुलिस उपायुक्त अली अब्बास। भाकियू टिकैत के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल शर्मा। मंडल प्रभारी ओमपाल तलान। राजवीर लवानिया। सोमवीर यादव। लक्ष्मी नारायण। शैतान सिंह। कमलेश और अन्य किसान नेता मौजूद रहे।

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