पंजाब पुलिस मुख्यालय पर रॉकेट से हमला, सिद्धू मूसेवाला के मर्डर की साजिश रची; पढ़ें कौन है आतंकी लखबीर सिंह लांडा

मुख्यालय पर हमला करने के लिए आरपीजी को पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई की आड़ में अवैध रूप से पाकिस्तान सीमा के माध्यम से भारत में तस्करी कर लाया गया था। गृह मंत्रालय की अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि लांडा और उसके सहयोगी भारत में हत्याओं जबरन वसूली और अन्य राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देकर शांति कानून और व्यवस्था को बाधित करने की साजिश रच रहे हैं।


भारत ने मोस्ट वांटेड भगोड़े में से एक और कनाडा स्थित गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा को आतंकवादी घोषित कर दिया है। लांडा पंजाब के तरनतारन जिले का रहने वाला है, जो वर्तमान में कनाडा के एडमोंटन, अल्बर्टा में रहता है। लांडा का संबंध बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से संबंधित है


खुफिया मुख्यालय पर रॉकेट दागने में शामिल


सीमा पार एजेंसी द्वारा समर्थित लांडा पिछले साल मोहाली में पंजाब राज्य खुफिया मुख्यालय की इमारत पर दागे गए रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) के जरिए हुए आतंकी हमले में भी शामिल था। इतना ही नहीं, लांडा ने पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सीमा पार से आईईडी, अत्याधुनिक हथियार, विस्फोटक आदि भी भेजे हैं।

सिद्धू मूसेवाला की मर्डर प्लानिंग


लांडा के संबंध में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसने दिवंगत पंजाबी सिंगर शुभदीप सिद्धू (सिद्धू मूसेवाला) को भी मारने की साजिश रची थी। दरअसल, इनकी योजना थी कि मूसेवाला को एक कॉन्सर्ट के दौरान मारा जाएगा, लेकिन उसमें भारी भीड़ होने के कारण योजना को आगे के लिए टाल दिया गया था।

मुख्यालय पर हुए आरपीजी हमले की आपूर्ति खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा ने की थी। इस आरपीजी का इस्तेमाल मूसेवाला के लिए किया जाना था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, “जब सिद्धू मूसेवाला एक सार्वजनिक रैली या कार्यक्रम में था, तो उनकी हत्या के लिए इसका इस्तेमाल किया जाना था।”

लॉरेंस बिश्नोई ने खोले राज


हालांकि, प्लानिंग में बदलाव किया गया और कथित गैंगस्टरों और आतंकवादियों ने इसके बजाय पंजाब पुलिस मुख्यालय को निशाना बनाया गया। जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से पूछताछ के दौरान इस बात की पुष्टि की थी।

कई आपराधिक कृत्यों में रही अहम भागीदारी


गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, आतंकवादी मॉड्यूल को खड़ा करने, जबरन वसूली, हत्याएं, आईईडी लगाने, हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी और पंजाब राज्य और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी कृत्यों के लिए धन का उपयोग करने से संबंधित विभिन्न आपराधिक मामलों में शामिल है।


ओपन एंडेड वारंट हुआ जारी


गृह मंत्रालय की अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि लांडा और उसके सहयोगी भारत के विभिन्न हिस्सों में हत्याओं, जबरन वसूली और अन्य राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देकर पंजाब राज्य में शांति, कानून और व्यवस्था को बाधित करने की साजिश भी रच रहे हैं। इसको लेकर लांडा के खिलाफ एक ओपन एंडेड वारंट जारी किया गया है।

पाकिस्तान के रास्ते भारत आया था RPG


आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मुख्यालय पर हमला करने के लिए आरपीजी को पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई की आड़ में अवैध रूप से पाकिस्तान सीमा के माध्यम से भारत में तस्करी कर लाया गया था।

खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा ने ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह के सदस्यों को भी अपने साथ शामिल किया था। मामले में आगे की जांच से पता चला कि भगोड़े गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा ने रिंडा के साथ मिलकर सभी योजनाओं को अंजाम दिया था।
जानिए क्राइम कुंडली

गृह मंत्रालय (MHA) के मुताबि‍क, ‘लांडा भारत के पंजाब राज्य में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सीमा पार से विभिन्न मॉड्यूलों को इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED), हथियार, परिष्कृत हथियार, विस्फोटकों की आपूर्ति में शामिल रहा है. MHA की एक अधिसूचना में कहा गया है कि आतंकी मॉड्यूल को खड़ा करने, जबरन वसूली, हत्याएं, IED लगाने, हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी और पंजाब राज्य और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी कृत्यों के लिए धन या आय का उपयोग करने से संबंधित विभिन्न आपराधिक मामलों में शामिल है.
लुक आउट सर्कुलर जारी

गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि लांडा और उसके सहयोगी भारत के विभिन्न हिस्सों में लक्षित हत्याओं, जबरन वसूली और अन्य राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देकर पंजाब राज्य में शांति, कानून और व्यवस्था को बाधित करने की साजिश रच रहे हैं. लांडा को असीमित जेल की सजा सुनाई गई। नर्सिंग सर्कुलर भी 9 जून, 2021 को प्रकाशित किया जाएगा।


सिद्धू मुसवारा पर भी निशाना साधा गया.

केंद्र सरकार का मानना ​​है कि लखबीर सिंह रंधा आतंकवाद में शामिल है और लखबीर सिंह रंधा को अधिनियम की चौथी अनुसूची में आतंकवादी के रूप में शामिल किया जाएगा। नाम न छापने की शर्त पर मोहाली के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसका मकसद सिद्धू मुसूरा को मारना था।

संगठित अपराध शृंखला पर नजर रखें

हालाँकि, योजनाएँ बदल गईं और संदिग्ध गैंगस्टरों और आतंकवादियों ने इसके बजाय पंजाब पुलिस मुख्यालय पर हमला करने का फैसला किया। यह खुलासा जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नावी से पूछताछ के दौरान हुआ।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई की आड़ में आरपीजी को अवैध रूप से पाकिस्तान सीमा से भारत में तस्करी कर लाया गया था। कहा जाता है कि लिंडा ने ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह के सदस्यों को काम पर रखा था।

आगे की जांच से पता चला कि भगोड़े गैंगस्टर लखबीर सिंह रंधा ने लिंडा के साथ सहयोग किया, जनशक्ति, रसद और संसाधनों को साझा किया और लिंडा का डिप्टी था। पिछली एनआईए जांच से पता चला है कि गोल्डी बॉलर एक अन्य बीकेआई एजेंट रैंडा के सीधे संपर्क में था, जिसने लिंडा के साथ मिलकर काम किया था।

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