मरीज की मौत पर तीमारदारों का अस्पताल के बाहर हंगामा, प्रबंधन पर लगाए आरोप, डॉक्टर बोले-पोस्टमार्टम में सच सामने आ जाएगा

आगरा, 12 दिसंबर। यमुना पार के एक अस्पताल में तीमारदारों ने मरीज की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन पर पैसा बनाने के लिए वेंटिलेटर पर रखने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। परिजनों ने अस्पताल के बाहर धरना भी दिया।
उनका आरोप था कि करीब तीन से चार दिन पहले ही उनके मरीज की मौत हो चुकी थी, लेकिन उसके बावजूद पैसा बनाने के लिए अस्पताल के संचालक द्वारा उसे वेंटिलेटर पर रखा गया और लगातार बिल बनाते रहे। सोमवार की रात करीब तीन बजे अस्पताल कर्मचारियों द्वारा कहा गया कि आपके मरीज की मौत हो गई है। इसे बिल जमा कर यहां से ले जाओ।

इसके बाद परिजन अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए। हंगामा की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।

तीमारदारों में से एक सत्यप्रकाश ने बताया कि उनके भांजे 22 वर्षीय शिवकुमार पुत्र गणपत सिंह का एक्सीडेंट हो गया था। उसे यमुनापार के श्री कृष्णा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। कई दिन से शिव कुमार का अस्पताल में इलाज चल रहा था। एक तारीख से आज तक हमारा भांजा अस्पताल में भर्ती है। दस तारीख को जो हमने अपने भांजे को देखा तो हमें एहसास हुआ, क्या हमारा भांजा जीवित नहीं है। ऐसे में हमने अस्पताल के डॉक्टर से कहा कि हमारे भांजे की छुट्टी कर दीजिए। हमारे पास इतना पैसा नहीं है कि हम अब इसका इलाज करा पाए।
लेकिन डॉक्टर ने कहा कि आपका भांजा ठीक है। ऐसी कोई बात नहीं है। इसके बाद उसकी छुट्टी नहीं की। सोमवार शाम को दिमाग के डॉक्टर अस्पताल में आए। उन्होंने हमारे मरीज को देखकर कहा कि आपके मरीज में कुछ भी नहीं बचा है। अब आपके ऊपर निर्भर करता है आप उसे यहां भर्ती रखिए या उसकी छुट्टी करा लीजिए। डॉक्टर ने हमसे कहा कि पैसा दे दो और यहां से ले जाओ।

मृतक शिव कुमार के परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल के डॉक्टर द्वारा पैसे बनाने के लिए हमारे मरीज को मृत अवस्था में वेंटिलेटर पर रखा। अब शव हमें नहीं दे रहे।
श्री कृष्णा हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरविंद यादव का कहना है कि मरीज के तीमारदार पैसे नहीं देना चाह रहे थे। इसीलिए झूठे आरोप लगा रहे हैं। मरीज की पहले से मौत नहीं हुई थी। देर रात तीन बजे मौत की आधिकारिक घोषणा की गई। शव का पोस्टमार्टम हो रहा है, जो भी बात होगी सामने आ जाएगी।

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