शाहजहांपुर पुलिस ने भारतीय सेना के फर्जी कैप्टन को गिरफ्तार किया है। दसवीं पास युवक ने सेना की वर्दी में होने के चलते पुलिस पर भी रौब गांठा, लेकिन गहनता से पूछने के बाद उसने सच्चाई उगल दी। आरोपी खुद को आर्मी में एनडीए का कैप्टन बताकर एक व्यक्ति से पचास हजार रुपए ठगने की कोशिश कर रहा था।
जानकारी के अनुसार पीलीभीत जिले के थाना सुनगढ़ी के गांव गयाबोझ निवासी चंदन का भाई कुछ महीने पहले हत्या के मामले में जेल चला गया था। चंदन से थाना सदर बाजार के मऊ खालसा निवासी रवि ने संपर्क साधा। उसने खुद को सेना का कैप्टन बताया था। इसके लिए 50 हजार रुपए खर्च करना होगा। आरोपी फर्जी कैप्टन रवि ने चन्दनपाल को फोन करके निगोही क्षेत्र के टिकरी चौकी के पास बुलाया था। इस पर चन्दन ने उसको पीलीभीत में आने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया। पीड़ित को यहीं से शक हुआ। आरोपी जब मिलने पहुंचा तो आर्मी की वर्दी में था। उसने पीड़ित को झांसा दिया था कि पीलीभीत की जेल में बंद हत्या के आरोपी को छुड़वा देगा। उसके बात करने के लहजे से पीड़ित को शक हो गया। पीड़ित ने फर्जी कैप्टन को रोककर पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
मौके पर पहुंचकर जब पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो सेना की वर्दी में रवि ने उस पर रौब गांठना शुरू कर दिया। उसने कहा कि मैं एनडीए पास कमीशन प्राप्त अधिकारी हूं। वह एनडीए की फुल फार्म नहीं बता पाया। कैप्टन रैंक का होने के बावजूद दरोगा पूछताछ कर रहे हैं। सेना के अधिकारी के अंदाज में बातचीत पर कुछ देर के लिए दरोगा भी सकपका गए। पूछताछ में बताया कि वह सिर्फ 10वीं पास है। पुलिस आरोपी को थाने लेकर चली गई। जहां उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पूछताछ में बताया कि बरेली के जाट रेजीमेंट के अधिकारियों के यहां काफी समय खाना बनाया है। इसलिए आर्मी की जानकारी हो गई। वहां उसने सेना के अधिकारियों का रहन-सहन और बोलचाल सीख ली। फिर उसने वर्दी बनवा ली थी। शुरुआत में आरोपी ने अपनी तैनाती जाट रेजीमेंट श्रीनगर में बताई। कहने लगा कि वह छुट्टी पर आया है। पुलिस ने उसका परिचय पत्र व अधिकारी का नंबर मांगा तो उसने नहीं दिखाया।
फर्जी सैन्य अधिकारी रवि ने बताया कि वह काफी कमजोर परिवार से है। चार भाइयों में सबसे छोटा है। बड़े भाई की मृत्यु हो जाने पर अपनी भाभी के साथ विवाह किया है। महिला के पहले पति से तीन बच्चे हैं। उनके पास खेती नहीं है। एक मात्र मकान है। गांव में भी वह सब को सेना का अधिकारी बताकर रौब गांठता था।
आरोपी के पास से बाइक, एक मोबाइल, थल सेना कैंटीन का स्मार्ट कार्ड जो नरेश कुमार रैंक डीएम और आरटी एआरएम व ड्राइविंग लाइसेंस, आर्मी की हरे रंग की बेल्ट, यूनीफॉर्म, कंधे पर लगाने वाले क्राउन, फ्लैप तीन स्टार वाले जिन पर जाट लिखा था, आर्मी बूट भी मिला है।
सीओ सदर प्रयांक जैन ने बताया कि आर्मी के फर्जी कैप्टन को गिरफ्तार किया है। पूछताछ करने के बाद आरोपी को जेल भेज दिया है।