आगरा पुलिस ने एक हैरान करने वाला खुलासा किया है. कोटा राजस्थान के रहने वाले छठवीं पास सन्नी मेघवाल को साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार किया गया है. इस युवक के तार कंबोडिया और कजाकिस्तान में बैठे साइबर ठगों से जुड़े थे. सन्नी ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराता था जिनके जरिए देशभर में लोगों से ठगी की जाती थी. छह महीने में उसने इस काम से तीन लाख रुपये का कमीशन कमाया. आगरा के डॉ. रविंद्र भदौरिया से 21 लाख रुपये की ठगी का मामला भी उसके खाते से जुड़ा है. पुलिस जांच में सन्नी के मोबाइल से ठगों के नेटवर्क की अहम जानकारी मिली है जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
शुरुआत हुई व्हाट्सएप मैसेज से
पुलिस के अनुसार पांच महीने पहले डॉ. रविंद्र भदौरिया को व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया जिसमें शेयर मार्केट में निवेश का लालच दिया गया. इसके बाद कंबोडिया और कजाकिस्तान से कॉल आए. कॉल करने वालों ने सोना चांदी और हीरे में निवेश पर 50 फीसदी से ज्यादा मुनाफे का दावा किया. पीड़ित को फर्जी ऐप के जरिए आईडी और पासवर्ड दिए गए. ऐप में रोजाना रकम बढ़ने का भ्रम दिखाकर उनसे 21 लाख रुपये जमा कराए गए. यह राशि सन्नी के बंधन बैंक खाते में ट्रांसफर की गई. जब रकम वापस नहीं मिली तो पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज की.
लकड़ी के व्यापारी का ठगी का खेल
पुलिस ने बताया कि 23 वर्षीय सन्नी मेघवाल कोटा में लकड़ी का व्यापार करता है. उसने बिहार के एक साइबर अपराधी के सहयोगी से संपर्क किया जिसने उसे लालच देकर बैंक पासबुक और डेबिट कार्ड ले लिया. इसके बाद सन्नी के खाते में ठगी की रकम जमा होने लगी जिसे विदेशी ठगों ने अन्य खातों में ट्रांसफर किया. सन्नी को कमीशन के रूप में तीन लाख रुपये मिले. उसके मोबाइल में विदेशी ठगों के नंबर और तीन अन्य संदिग्धों के नाम मिले हैं. जांच में पता चला कि सन्नी के खाते में यूपी हरियाणा पश्चिम बंगाल सहित 11 राज्यों के लोगों से ठगी के 27 लाख रुपये जमा हुए थे जिनकी शिकायतें दर्ज हैं.
गांव के युवा भी ठगी के जाल में
पूछताछ में सन्नी ने खुलासा किया कि साइबर ठग मजदूरों और बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाते हैं. उनके एजेंट खाते खुलवाने के लिए एक लाख रुपये तक कमीशन का लालच देते हैं. राजस्थान के बजरंग नगर थाना जांबा जिला फीलोदी के कई युवा इस तरह के अपराध में शामिल हैं. पुलिस ने इस गांव में छापेमारी की लेकिन संदिग्ध भाग निकले. उनकी गिरफ्तारी के लिए स्थानीय पुलिस की मदद ली जा रही है. डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि इस नेटवर्क को पूरी तरह उजागर करने के लिए जांच तेज कर दी गई है.