आगरा। रुनकता के पास आगरा–मथुरा हाईवे किनारे स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार (कीठम झील) एक बार फिर हजारों विदेशी परिंदों की चहचहाहट से गुलजार हो उठा है। हर वर्ष की तरह इस बार भी सर्दी की दस्तक के साथ प्रवासी पंछियों का बड़ा झुंड झील में उतर आया है। अब तक करीब 10 हजार से अधिक विदेशी परिंदों के पहुंचने का अनुमान है, जिससे विहार की प्राकृतिक सुंदरता चरम पर है।
प्रवासी पंछियों की वापसी से बढ़ी पर्यटकों की हलचल
नवंबर से फरवरी तक का समय सूर सरोवर में प्रवासी पंछियों का मौसम माना जाता है। विदेशी पंछियों के आगमन से विहार में पर्यटकों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। सुबह और शाम के समय पक्षियों का झुंड बनाकर उड़ान भरना पर्यटकों के लिए खास आकर्षण बना हुआ है।
दूर देशों से आती हैं कई दुर्लभ प्रजातियां
विशेषज्ञों के अनुसार विदेशों में तापमान बढ़ने पर ये परिंदे ठंड की तलाश में भारत का रुख करते हैं। प्रवास के दौरान ये पक्षी झुंड में उड़ते हैं ताकि कोई परिंदा छूट न जाए। इस बार झील में इन खास पक्षियों की मौजूदगी दर्ज की गई है—
पेलिकन (साइबेरिया)
बार हेडेड गूज
नॉर्थन पिंटेल
ग्रे लेग गूज
स्पॉट बिल्ड डक
नॉर्थन शॉवलर, कोमल पिंटेल
इनमें पेलिकन हर साल की तरह इस बार भी सबसे बड़ा आकर्षण बना हुआ है। इसका झील में तैरना और सामूहिक उड़ान बच्चों से लेकर फोटोग्राफर्स तक सभी को रोमांचित कर रहा है।
वन विभाग ने बढ़ाई सुरक्षा, वाहन ध्वनि पर रोक
प्रवासी मेहमानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने झील के चारों तरफ विशेष निगरानी व्यवस्था की है। तेज आवाज वाले वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है। पर्यटकों को बैटरी चालित वाहनों से ही अंदर ले जाया जा रहा है ताकि पक्षियों को किसी प्रकार की बाधा न हो।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मिल रहा फायदा
परिंदों के आगमन से स्थानीय गाइड, फोटोग्राफर, दुकान संचालक और नाविकों को भी अच्छा लाभ हो रहा है। हर सप्ताहांत बड़ी संख्या में स्कूलों के शैक्षिक टूर भी पहुंचने लगे हैं।
सर्दियों की सौगात: चार माह तक रहेगा प्राकृतिक नजारा
अगले चार माह तक सूर सरोवर पक्षी विहार प्राकृतिक सौंदर्य के चरम पर रहेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार पक्षियों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे पक्षी प्रेमियों को और भी अनोखे दृश्य देखने को मिलेंगे।





