तालिबान नामक एक समूह ने पाकिस्तान के खैबर नामक स्थान पर अपनी सरकार शुरू कर दी है। उन्होंने अधिकारी कहे जाने वाले महत्वपूर्ण लोगों को नौकरियां दी हैं और लोगों को मंत्री बनने के लिए भी चुना है।
पाकिस्तान का पड़ोसी देश पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद से जुड़ा हुआ है। अब ऐसा लगता है कि जिन लोगों का उन्होंने समर्थन किया था वे ही उनके खिलाफ हो गये हैं। खैबर पख्तूनख्वा नामक प्रांत में तालिबान नामक समूह के साथ हमेशा समस्याएं रही हैं। हाल ही में ऐसी खबरें आई हैं कि तालिबान नियंत्रण करना शुरू कर रहा है और स्थानीय अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को बता रहा है कि क्या करना है। प्रांत के गवर्नर इलाके की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने यहां तक कहा है कि वहां राजनीतिक रैलियां करना सुरक्षित नहीं है. उन्होंने इसकी तुलना बलूचिस्तान नामक दूसरे प्रांत से की, जहां काफी अनिश्चितता और खतरा भी है.
टीटीपी नामक एक समूह है जिसने हाल ही में उत्तरी वज़ीरिस्तान नामक स्थान में पानी, बिजली और तेल विभागों को विभाजित कर दिया है। उन्होंने इन विभागों के प्रभारी लोगों से कहा है कि वे अपने नए मंत्रालय के साथ काम करें और पांच दिनों के भीतर विभिन्न परियोजनाओं पर समझौते करें. अगर वे इनकार करते हैं तो टीटीपी ने कहा है कि वे बल प्रयोग करेंगे। टीटीपी के पास एक गुप्त विभाग है जिसे वे छिपा कर रखते हैं। उन्होंने अपने समूह के लिए धन प्राप्त करने और उन क्षेत्रों में अपना नियंत्रण बड़ा करने के लिए यह नया मंत्रालय बनाया, जिनके वे प्रभारी हैं। अफगानिस्तान की सीमा पर विभिन्न स्थानों और केपी के कुछ जिलों में उनके गुप्त विभाग हैं। ये गुप्त विभाग स्थानीय लोगों के बीच समस्याओं का समाधान करते हैं और व्यापारियों तथा अमीर लोगों को डरा-धमका कर उनसे धन वसूलने का भी प्रयास करते हैं।