माना जाता है इस मंदिर को रातों रात भूत-प्रेतों ने बनाया था|
भूतेश्वर मंदिर कैसे पहुंचे – भूतेश्वर नाथ मंदिर चम्बल की घाटी में स्थित देवो के देव महादेव शिव का प्राचीन मंदिर हैं कहा जाता हैं की चम्बल क्षेत्र के सबसे निर्दयी कुख़्यात और वांछित डकैतों ने इसे अपना ठिकाना बना लिया था, कहा जाता के डकैती के बाद सभी डकैत महादेव को घंटा एवं अन्य क़ीमती सामग्री चढ़ाते थे साल 2005 में इस जर्जर हो चुके भूतेश्वर महादेव मंदिर को भारतीय पुरातत्त्व विभाग ने मंदिर की देख रेख का सरंक्षण लिया यह प्राचीन मंदिर भूतनाथ बटेश्वर महादेव को समर्पित हैं. कहते है की यहा माँ जमुना भी विपरीत धारा में प्रवाह करती हैं.
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार चार धामों के बेटे माने जाते हैं. मंदिरो का निर्माण प्रतिहार वंश के शासन काल में हुआ था इस जगह का सौंदर्य दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता हैं पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस जगह बरगद के वृक्ष के नीचे भूतेश्वरनाथ महादेव विश्राम करते थे बरगद के पेड़ को संस्कृत में चिमगादड़ कहा जाता है इसलिए इसका नाम बटेश्वरनाथ महादेव पड़ा इसलिए इस स्थान का नाम भूतेश्वरनाथ पड़ा।
इस प्राचीन मंदिर का निर्माण 600 से 700 बी सी में गुर्जर प्रतिहार राजवंश के शासन काल में किया गया।
एक मान्यता यह भी है की इस मंदिर का निर्माण रातो रात भूत-प्रेतों ने करवाया।
अगर आप हवाई जहाज़ से भूतेश्वर मंदिर जाना चाहते हैं तो सबसे नजदीक निकटम हवाई अड्डा आगरा का हैं। आगरा से यह जगह 70 किलो मीटर दूर हैं जहाँ के लिए आप टेक्सी व बस को ले सकते हैं।
रेल :- नजदीक रेलवे स्टेशन भी आगरा रेलवे स्टेशन ही हैं. भूतेश्वर, बटेश्वर मंदिर जाने के लिए आपको यहां से टेक्सी लेनी होगी।
सड़क मार्ग :- राष्ट्रीय राज मार्ग संख्या 2 6 11 निकलते हैं यह स्थान राज्यों के अन्य स्थानों के साथ साथ आगरा के बहार अन्य बस सेवाओं से जुड़ा है।