फतेहाबाद। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत और पारदर्शी बनाने के दावों के बीच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) फतेहाबाद में प्रसव के नाम पर खुलेआम धन उगाही का खेल सामने आया है। मंगलवार को प्रसव कराने आए नागर निवासी धर्मवीर के परिजनों से स्टाफ नर्स व दाई द्वारा करीब 1300 रुपये वसूलने का मामला सामने आया है।
धर्मवीर ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने पर वह अपनी पत्नी शारदा को सरकारी एंबुलेंस से सीएचसी फतेहाबाद लेकर आए थे। आरोप है कि प्रसव कराने से पहले ही स्टाफ नर्स ने 1000 रुपये की मांग की। मजबूरी में धर्मवीर ने 800 रुपये नर्स को दे दिए। इसके बाद प्रसव के दौरान कार्यरत दाई ने 500 रुपये और ले लिए। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि प्रसव होने के बाद स्टाफ नर्स ने और रुपये देने का दबाव बनाया।प्रसूता की सास भूदेवी जो हाथों में रुपये लेकर अस्पताल परिसर में भटकती दिखाई दी।पूछताछ करने पर बताया कि दाई और नर्स द्वारा उनसे अब तक 1300 रुपये ले लिए गए हैं, लेकिन लगातार और रुपयों की मांग की जा रही है। दुख जताते हुए महिला ने कहा कि हम गरीब लोग हैं। इसलिए सरकारी अस्पताल आए थे। सरकारी अस्पताल में इलाज मुफ्त मिलने की बात कही जाती है।लेकिन यहां तो प्राइवेट अस्पतालों की तरह पहले रुपये जमा कराने पड़ते हैं।
गौरतलब है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में प्रसव संबंधी सभी सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध कराने के स्पष्ट निर्देश हैं। जच्चा-बच्चा सुरक्षा को लेकर सरकार की कई योजनाएं संचालित हैं।जिनमें किसी प्रकार की वसूली प्रतिबंधित है। इसके बावजूद स्वास्थ्य केंद्र में इस तरह की धन उगाही स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सीएचसी में प्रसव कराने आने वाले गरीब परिवार इसी तरह की अवैध वसूली का शिकार हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा इस पर तत्काल जांच कर कार्रवाई की मांग की जा रही है।
अब देखना होगा कि जिम्मेदार अधिकारी इस मामले पर क्या कदम उठाते हैं और सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता को कैसे बनाए रखते हैं।
अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहाबाद डा उदय प्रताप रावल से बात करने पर बताया कि
मामला संज्ञान में नहीं है मामले की जांच कराई जाएगी





