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आगरा में यमुना का बढ़ता जलस्तर बढ़ा रहा चिंता

Published On: July 14, 2025
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यमुना नदी की स्थिति

आगरा में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। वाटर वर्क्स पर जलस्तर 486.7 फीट तक पहुंच गया है, जो स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है। हालांकि, अभी बाढ़ का खतरा नहीं है, क्योंकि बाढ़ का न्यूनतम स्तर 495 फीट है। गोकुल बैराज से रविवार को 10,165 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके कारण जलस्तर में वृद्धि हुई। इसके अलावा, ओखला बैराज से 5,211 क्यूसेक और ताजेवाला बैराज से 2,044 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया। पिछले 24 घंटों में वाटर वर्क्स पर जलस्तर दो सेंटीमीटर बढ़ा है। सिंचाई विभाग हर घंटे बैराजों के डिस्चार्ज और नदी के जलस्तर पर नजर रख रहा है।

सतर्कता और प्रशासनिक कदम

यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए हाथी घाट और एत्माउद्दौला व्यू पॉइंट पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। सिंचाई विभाग ने प्रतापपुरा में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, जिसका संपर्क नंबर 0562-2463714 जारी किया गया है। बाढ़ नियंत्रण प्रभारी चंचल मुच्छल ने बताया कि हाल ही में गोकुल बैराज से 15,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे जलस्तर में और इजाफा हुआ। प्रशासन ने स्थिति पर काबू पाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

चंबल नदी का हाल

जहां यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है, वहीं पिनाहट में चंबल नदी का जलस्तर स्थिर है। रविवार को चंबल का जलस्तर 114 मीटर दर्ज किया गया। बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट के अनुसार, कोटा बैराज से पिछले दो दिनों से पानी नहीं छोड़ा गया है। पिछले साल 2025 में कोटा बैराज से पांच लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया था, जिसके कारण बाह और पिनाहट के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ आ गई थी। चंबल में बाढ़ की स्थिति बनने पर बाह के 20 से अधिक गांव प्रभावित होते हैं।

समुदाय पर प्रभाव

यमुना के बढ़ते जलस्तर ने आगरा के निवासियों में चिंता बढ़ा दी है। खासकर तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग सतर्क हो गए हैं। स्थानीय लोग और प्रशासन दोनों स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। पिछले वर्षों में बाढ़ की घटनाओं ने लोगों को सावधान रहने के लिए मजबूर किया है। प्रशासन ने लोगों से नदी के किनारे अनावश्यक रूप से न जाने और सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की अपील की है।

आगे की निगरानी

सिंचाई विभाग और प्रशासन यमुना के जलस्तर पर लगातार नजर रख रहे हैं। पहाड़ों पर बारिश कम होने से फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां पूरी हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे बाढ़ नियंत्रण कक्ष के साथ संपर्क में रहें और किसी भी संदिग्ध स्थिति की सूचना तुरंत दें। यह स्थिति आगरा के लिए एक गंभीर चुनौती है, और प्रशासन इसे नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

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