WAVES भारत समिट के मंच पर दक्षिण सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और निर्देशक अक्किनेनी नागार्जुन ने अपनी जिंदादिली, विनम्रता और प्रेरणादायी व्यक्तित्व से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। टी एन एफ टुडे के प्रधान संपादक धीरज शर्मा के साथ एक विशेष साक्षात्कार में नागार्जुन ने अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं, आगरा से जुड़े संस्मरणों, फिल्मी करियर और अपनी आगामी फिल्म ‘कुबेरा’ पर विस्तार से चर्चा की। हालांकि, अपनी नई फिल्म की कहानी को लेकर उन्होंने रहस्य बरकरार रखा, जिससे प्रशंसकों की उत्सुकता और बढ़ गई।
आगरा और ताजमहल की यादें
नागार्जुन ने आगरा की अपनी यात्रा को याद करते हुए बताया कि पांच साल पहले ताजमहल का दौरा उनके लिए अविस्मरणीय रहा। ताजमहल की खूबसूरती और उसका ऐतिहासिक महत्व हर किसी को अपनी ओर खींचता है। मैंने वहां न सिर्फ पर्यटक के तौर पर समय बिताया, बल्कि एक फिल्म की शूटिंग भी की थी। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा। आगरा के चहल-पहल भरे बाजारों और वहां की मशहूर मिठाइयों, खासकर पेठे की तारीफ करते हुए उनकी आंखों में चमक साफ दिखाई दी। उन्होंने बताया कि आगरा की गलियों में बिताए पल आज भी उनके दिल में बसे हैं।

फिल्मी सफर और परिवार का सहयोग
अपने चार दशक से अधिक लंबे फिल्मी करियर के बारे में बात करते हुए नागार्जुन ने कहा कि सिनेमा उनके लिए सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि जुनून है। मेरे पिता, अक्किनेनी नागेश्वर राव, और परिवार ने मुझे हमेशा प्रेरित किया। उनके मार्गदर्शन और मेरी मेहनत ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया। उन्होंने गर्व के साथ कहा। अपने करियर की शुरुआत से लेकर अब तक की यात्रा को याद करते हुए उन्होंने बताया कि हर किरदार ने उन्हें कुछ नया सिखाया। धीरज शर्मा ने जब उनके परिवार की सिनेमाई विरासत और उनकी प्रेरणा के बारे में पूछा, तो नागार्जुन ने कहा, मेरे लिए परिवार और सिनेमा एक-दूसरे से जुड़े हैं। मेरे बेटे, नागा चैतन्य और अखिल, भी अपनी मेहनत से इस क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहे है
आगामी फिल्म ‘कुबेरा’ पर रहस्यमयी जवाब-
बातचीत का सबसे रोमांचक हिस्सा तब आया जब धीरज शर्मा ने उनकी आगामी फिल्म ‘कुबेरा’ के बारे में पूछा, जिसमें वह धनुष और रश्मिका मंदाना के साथ नजर आएंगे। इस फिल्म का निर्देशन शेखर कम्मुला कर रहे हैं, और यह 20 जून 2025 को रिलीज होने वाली है। जब धीरज ने पूछा, फिल्म की कहानी क्या है? आपका किरदार कैसा है? तो नागार्जुन ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, अभी अगर मैं कहानी बता दूं तो सारा रहस्य खत्म हो जाएगा।
शेखर कम्मुला एक जादुई कहानीकार हैं, और कुबेरा में हर किरदार की अपनी गहराई है। मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि मेरा किरदार आपको चौंका देगा। उन्होंने यह भी बताया कि फिल्म की शूटिंग तिरुपति, थाईलैंड और मुंबई जैसे स्थानों पर हुई है, जो इसे दृश्यात्मक रूप से शानदार बनाता है। नागार्जुन ने फिल्म के संगीत निर्देशक देवी श्री प्रसाद की तारीफ की और कहा कि उनका संगीत फिल्म की आत्मा को और जीवंत कर देगा।
इसके अलावा, नागार्जुन हाल ही में रजनीकांत के साथ फिल्म कूली में भी नजर आए थे, जिसमें उन्होंने साइमन नामक किरदार निभाया था। इस किरदार को लेकर उन्होंने कहा कि निर्देशक लोकेश कनगराज के साथ काम करना एक मुक्तिदायक अनुभव रहा। हालांकि, कुबेरा’ के बारे में उनकी चुप्पी ने प्रशंसकों की उत्सुकता को और बढ़ा दिया है।

विनम्र और प्रेरणादायी व्यक्तित्व
नागार्जुन का सरल और खुशमिजाज स्वभाव इस साक्षात्कार में बार-बार सामने आया। वह न सिर्फ एक शानदार अभिनेता और निर्देशक हैं, बल्कि एक सफल व्यवसायी और अन्नपूर्णा स्टूडियो के मालिक भी हैं। उनकी सादगी और सकारात्मक सोच युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। वेव्स भारत समिट के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, यह मंच युवा रचनाकारों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह नई प्रतिभाओं को सामने लाने और उन्हें प्रोत्साहित करने का बेहतरीन माध्यम है। उन्होंने आयोजकों की तारीफ की और कहा कि ऐसे आयोजन सिनेमा और कला के क्षेत्र में नई संभावनाएं खोलेंगे।
युवाओं के लिए प्रेरणादायी संदेश-
साक्षात्कार के अंत में नागार्जुन ने युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया। सपने चाहे छोटे हों या बड़े, उन्हें हकीकत में बदलने के लिए जुनून, मेहनत और धैर्य की जरूरत होती है। असफलताओं से डरने की जरूरत नहीं, क्योंकि वे हमें और मजबूत बनाती हैं, उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जीवन में संतुलन बनाए रखना जरूरी है, और वह अपनी फिटनेस और परिवार के साथ समय बिताकर इसे हासिल करते हैं।

नागार्जुन की जीवनशैली और फिटनेस का राज-
65 साल की उम्र में भी नागार्जुन की ऊर्जा और फिटनेस युवाओं को प्रेरित करती है। धीरज शर्मा ने जब उनकी फिटनेस का राज पूछा, तो उन्होंने बताया, मैं रोज सुबह 45 मिनट से एक घंटा व्यायाम करता हूं। रात का खाना साढ़े सात बजे तक खत्म कर लेता हूं। पर्याप्त नींद और जलयोजन भी मेरे लिए जरूरी है। उन्होंने हंसते हुए कहा कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, अगर आप अपने शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखें।
नागार्जुन का पारिवारिक जीवन-
नागार्जुन ने अपने परिवार के बारे में भी खुलकर बात की। उन्होंने अपने बेटों, नागा चैतन्य और अखिल, की तारीफ की और कहा कि दोनों अपनी मेहनत से सिनेमा क्षेत्र में अपनी जगह बना रहे हैं। हाल ही में अखिल की सगाई और नागा चैतन्य की शादी की तैयारियों ने उनके परिवार में खुशी का माहौल बना रखा है। मेरे लिए परिवार सबसे अहम है। उनके साथ बिताया हर पल मुझे नई ऊर्जा देता है, उन्होंने भावुक होकर कहा।
यह विशेष साक्षात्कार न सिर्फ नागार्जुन के प्रशंसकों के लिए, बल्कि सिनेमा, कला और जीवन से प्रेम करने वालों के लिए भी एक प्रेरणादायी अनुभव रहा। उनकी सादगी, मेहनत और जुनून की कहानी हर किसी को अपने सपनों के पीछे भागने के लिए प्रेरित करती है।