कानपुर में गंगा बैराज पर त्रासदी. उन्नाव के युवक की मौत चाचा लापता

गंगा स्नान के दौरान डूबने की दुखद घटना

कानपुर के नवाबगंज थाना क्षेत्र में गंगा बैराज के पास रविवार को गेट नंबर चार पर मिले एक युवक के शव की पहचान उन्नाव के बांगरमऊ निवासी 19 वर्षीय ओमवीर सिंह उर्फ अंशू के रूप में हुई है। यह दुखद घटना 10 जुलाई को आगरा एक्सप्रेसवे के पास गहरपुरवा लकड़हा घाट पर गंगा स्नान के दौरान हुई। जब अंशू तेज बहाव और गहरे पानी में डूबने लगा। उसे बचाने की कोशिश में उसके चाचा कृष्ण कुमार भी नदी में कूदे। लेकिन दोनों बह गए। अंशू का शव तो बरामद हो गया। परंतु कृष्ण कुमार का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है। इस घटना ने परिवार और स्थानीय समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है।

घटना का विवरण और पहचान

ओमवीर सिंह उर्फ अंशू। जो मूल रूप से उन्नाव के बेहरा कच्छ। बांगरमऊ का रहने वाला था। पेंटिंग का काम करता था। 10 जुलाई को वह अपने पारिवारिक चाचा कृष्ण कुमार के साथ गंगा स्नान के लिए गहरपुरवा लकड़हा घाट गया था। गंगा के तेज बहाव और गहराई में जाने के कारण अंशू डूबने लगा। उसे बचाने के लिए कृष्ण कुमार ने नदी में छलांग लगाई। लेकिन दोनों को बचाया नहीं जा सका। घटना के समय घाट पर मौजूद एक युवती ने इस हादसे का वीडियो बना लिया। जिसमें चाचा-भतीजे के डूबने का दृश्य कैद हुआ। रविवार को गंगा बैराज के गेट नंबर चार और 24 पर एक युवक और एक महिला का शव फंसा हुआ मिला। नवाबगंज पुलिस ने युवक के दाहिने हाथ पर गुदे हुए अंशू नाम को देखकर आसपास के जिलों में संपर्क किया। जिसके बाद सोमवार सुबह परिजनों ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर शव की पहचान की।

पुलिस और परिवार की प्रतिक्रिया

नवाबगंज पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने बताया कि गंगा बैराज के पास शव मिलने के बाद आसपास के थानों और जिलों से संपर्क किया गया। जिसके परिणामस्वरूप अंशू की पहचान हो सकी। परिवार के सदस्यों ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर शव की शिनाख्त की और इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। कृष्ण कुमार की तलाश के लिए पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने खोजबीन शुरू कर दी है। लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है। इस घटना ने गंगा घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था और स्नान के दौरान सावधानी बरतने की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि घाटों पर लाइफगार्ड और चेतावनी बोर्ड जैसे सुरक्षा उपाय बढ़ाए जाएं। ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। यह त्रासदी न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक गहरी चेतावनी है।

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