रांडोवाला गांव की घटना
बिजनौर के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के रांडोवाला गांव में मंगलवार रात एक दुखद घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। एक दंपती, शुभम और त्रिवेणी, ने आपसी विवाद के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। इस घटना ने उनके दो छोटे बच्चों और पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है।
घटना का विवरण
लगभग छह साल पहले रांडोवाला गांव के शुभम की शादी सुनपता गांव के वीरेंद्र कुमार की बेटी त्रिवेणी से हुई थी। दंपती के दो बच्चे हैं, एक चार साल का बेटा और डेढ़ साल की बेटी। मंगलवार रात को किसी बात को लेकर शुभम और त्रिवेणी के बीच तीखी बहस हुई। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों ने घर के एक कमरे में रस्सी से फंदा बनाकर फांसी लगा ली।
परिजनों ने जब कमरे का दरवाजा तोड़ा, तो त्रिवेणी की सांसें थम चुकी थीं। शुभम को बेहोशी की हालत में फंदे से उतारा गया और तुरंत बिजनौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, शुभम की हालत बेहद नाजुक है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीओ अंजनी कुमार चतुर्वेदी, एसपी ग्रामीण और थाना प्रभारी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने त्रिवेणी के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में घरेलू विवाद को इस त्रासदी का कारण माना जा रहा है।
परिवार और गांव में शोक
इस घटना ने दंपती के दो मासूम बच्चों पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया है। चार साल का बेटा और डेढ़ साल की बेटी अभी इस सदमे को समझने की उम्र में नहीं हैं। गांव में शोक की लहर है, और लोग इस दुखद घटना पर चर्चा कर रहे हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और आसपास के लोग उन्हें सांत्वना देने में जुटे हैं।
सामाजिक चिंता
यह घटना एक बार फिर घरेलू विवादों के गंभीर परिणामों की ओर ध्यान खींचती है। समाज में तनाव और आपसी मतभेदों को सुलझाने के लिए संवाद और समझ की जरूरत है। इस तरह की घटनाएं न केवल परिवारों को तोड़ती हैं, बल्कि छोटे बच्चों के भविष्य पर भी गहरा असर डालती हैं। स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता और सहायता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है।