वाराणसी में साइबर ठगी का खुलासा: पुलिस कमिश्नर के PRO की फोटो इस्तेमाल कर महिला से ठगे 16 लाख, आरोपी हिरासत में

वाराणसी: मैनपुरी की एक महिला ने 16 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया, जिसमें वाराणसी पुलिस कमिश्नर के जनसंपर्क अधिकारी (PRO) का नाम सामने आया। हालांकि, जांच में PRO को क्लीन चिट मिल गई है। पुलिस ने इसे साइबर ठगी का मामला बताते हुए एक युवक को हिरासत में लिया है, जो PRO की फोटो और फर्जी परिचय पत्र का इस्तेमाल कर ठगी कर रहा था।

मैनपुरी निवासी अनीता यादव ने 27 मई को पुलिस आयुक्त से शिकायत की थी कि उनके बेटे को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति ने PRO दीपक राणावत का नाम लेकर 16 लाख रुपये लिए। नौकरी नहीं लगी और न ही पैसा वापस हुआ। शिकायत के बाद पुलिस आयुक्त ने मामले की जांच डीसीपी क्राइम को सौंपी और दीपक राणावत को PRO के पद से हटा दिया।

डीसीपी क्राइम की जांच में पता चला कि दीपक राणावत की कोई संलिप्तता नहीं है। एक साइबर ठग ने उनकी फोटो, नाम और फर्जी परिचय पत्र का इस्तेमाल कर अनीता से ठगी की। जांच में कॉल डिटेल रिकॉर्ड और सर्विलांस की मदद से मथुरा के एक युवक को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह युवक सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले PRO की फोटो और विवरण का दुरुपयोग कर कई महिलाओं को ठग चुका है।

पुलिस ने कैंट थाने में अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचना का मुकदमा दर्ज किया है। क्राइम ब्रांच और कैंट थाने की संयुक्त टीम अब इस मामले की गहन जांच कर रही है।

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