Ram Mandir कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा अब अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के उद्घाटन के साथ पुरानी रणनीति अपना रही है। सुधाकर ने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले लोकसभा चुनाव में वोट हासिल करने के लिए पुलवामा आतंकी हमले का इस्तेमाल किया और इस चुनाव (Lok Sabha elections 2024) में वे भगवान राम का इस्तेमाल कर रहे।
राम मंदिर को लेकर कांग्रेस नेता और कर्नाटक के योजना और सांख्यिकी मंत्री दशरथैया सुधाकर ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। केंद्र की आलोचना करते हुए सुधाकर ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनावों में भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए पुलवामा के आतंकी हमले का फायदा उठाया था।
अब राम मंदिर पर हो रही राजनीति
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा अब अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के उद्घाटन के साथ भी ऐसी ही रणनीति अपना रही है। सुधाकर ने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले लोकसभा चुनाव में वोट हासिल करने के लिए पुलवामा आतंकी हमले का इस्तेमाल किया और इस चुनाव (Lok Sabha elections 2024) में वे भगवान राम का इस्तेमाल कर रहे।
हम मूर्ख नहीं बनेंगे
चित्रदुर्ग में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए, सुधाकर ने कहा कि अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन एक स्टंट है। लोग मूर्ख नहीं हैं, हमें दो बार मूर्ख बनाया गया है। मुझे विश्वास है कि हम तीसरी बार मूर्ख नहीं बनेंगे।
उन्होंने आगे कहा, “यह सच है कि राम मंदिर का उद्घाटन लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में है। विधायक रघुमूर्ति और मैंने राम मंदिर के लिए धन का योगदान दिया। हमने पहले भी ईंटें दी हैं।”
सुधाकर ने इस बात पर जोर दिया कि भगवान राम सभी के लिए भगवान हैं और उन्होंने मंदिर के उद्घाटन को चुनाव के आसपास होने को एक नौटंकी बताया।
पुलवामा हमले को लेकर भी हमला बोला
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा वोट हासिल करने के लिए भारत की धार्मिक मान्यताओं का इस्तेमाल कर रही है। पिछले चुनाव में आखिर राम मंदिर कहां था? सुधाकर ने कहा कि पिछले चुनाव में पुलवामा हमले का मुद्दा जानकर उठाया गया, तब राम मंदिर का मुद्दा नहीं बनाया गया।
योगी सरकार इस समारोह में शामिल होने के लिए तमाम राजनेताओं, अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री, सांसद इत्यादि को निमंत्रण भेज रही है। वहीं कांग्रेस सांसद का कहना है कि उन्हें समारोह में शामिल होने के लिए न्योता नहीं भेजा गया है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बुधवार, 27 दिसंबर को कहा कि उन्हें 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर मूर्ति-स्थापना समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है।
जैसे-जैसे राम मंदिर में रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का वक्त नजदीक आ रहा रहा है वैसे-वैसे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानों के बाण भी खूब चलने लगे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर फिर से सियासी मुद्दा बनता जा रहा है। 22 जनवरी को होने राम मंदिर कार्यक्रम के लिए निमंत्रण पत्र बांटे जा चुके हैं। सोनिया गांधी से लेकर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह तक का निमंत्रण भेजा गया है। लेकिन अब विपक्ष एक धार्मिक कार्यक्रम का राजनीतिकरण को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। चूंकि महज चार महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं ऐसे में ये मुद्दा सियासी रूप लेता जा रहा है।
सीपीएम ने कार्यक्रम से बना ली दूरी
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने अभी तक इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। अलबत्ता एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने जरूर उन्हें निमंत्रण नहीं देने को मुद्दा बनाया है। इस बीच, सीपीएम ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में नहीं जाने का ऐलान किया है। पार्टी नेता वृंदा करात ने हम धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हैं। लेकिन वे इस धार्मिक आयोजन को राजनीति से जोड़ते हैं. धर्म को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना गलत है. माना जा रहा है कि एक और वामपंथी पार्टी सीपीआई इस कार्यक्रम से अलग रह सकती है.
राम मंदिर का निर्माण बीजेपी का चुनावी वादा था. भगवा पार्टी इस मुद्दे को 2024 के चुनाव में जनता के बीच ले जाएगी. करात के फैसले पर निशाना साधते हुए बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि सभी को निमंत्रण भेजा गया है, लेकिन केवल वे ही आएंगे जिन्हें भगवान राम ने आमंत्रित किया है. हालाँकि, केवल वामपंथी पार्टियाँ ही निमंत्रण को अस्वीकार नहीं कर रही हैं। कांग्रेस के पूर्व नेता और सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील कपिल सिब्बल भी बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. सिब्बल कहते हैं राम मेरे दिल में हैं. इसलिए मुझे नहीं लगता कि इस कार्यक्रम को बंद किया जाना चाहिए.’ यह चुनाव से पहले बीजेपी का शक्ति प्रदर्शन है.
बीजेपी ने सिब्बल पर साधा निशाना
सिब्बल यहीं नहीं रुके, बल्कि उन्होंने बीजेपी पर और भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वे राम के बारे में बात करते हैं लेकिन उनके चरित्र के करीब नहीं जाते। सिब्बल ने कहा कि राम में सत्य, सहनशीलता, त्याग और सम्मान के गुण हैं लेकिन भाजपा इसके बिल्कुल विपरीत है। सबसे पहले उन्हें राम के गुणों को अपने हृदय में स्थापित करना चाहिए।