क्या पीपल के पेड़ पर वाकई भूत रहता है…जानिए पीपल को लेकर तमाम भ्रान्तियों का सच…!

प्राचीन काल में जब लकड़ी ईंधन का मुख्य स्रोत थी, तब लोग पेड़ों को काटकर ईंधन की व्यवस्था करते थे. ऐसे में वे किसी भी पेड़ को काट लेते थे. चूंकि पीपल वृक्ष 24 घंटे ऑक्सीजन देता है, इसलिए उसको काटने से बचाने के लिए ये डर फैलाया गया कि पीपल पर भूत रहता है. भूत कह कर डराने का उद्देश्य सिर्फ पीपल को बचाना था.

यही वजह है कि हिंदू धर्म में तमाम वनस्पतियों को देवताओं से जोड़ा गया है क्योंकि उनमें बहुत अधिक गुण होते हैं. पीपल भी ऐसा ही एक वृक्ष है. वास्तविकता ये है कि पीपल का वृक्ष बहुत ही शुभ है. भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय वृक्ष है पीपल. गीता में श्रीकृष्ण स्वयं कहते हैं कि वृक्षों में मैं पीपल हूं.

वेदों में भी पीपल को पूजनीय कहा गया है. इसके मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और अग्रभाग में शिव का वास बताया गया है. स्कंद पुराण में कहा गया है कि पीपल के मूल में विष्णु, तनों में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में श्रीहरि और फलों में सभी देवताओं के साथ अच्युत भगवान निवास करते हैं. शास्त्रों में इसे एक दैवीय पौधा बताया गया है.

वास्तव में जब हम पीपल वृक्ष को जल अर्पित करते हैं या पूजते हैं, तब परोक्ष रूप से इन्हीं देवताओं को पूजते हैं. किसी भूत प्रेत को नहीं. अथर्व वेद में भी लिखा है अश्वत्थ देवो सदन, अश्वत्थ पुजिते यत्र पुजितो सर्व देवता यानी पीपल के पेड़ की पूजा से सर्व देवताओं की भी पूजा हो जाती है.

गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं, –“अश्वत्थः सर्ववृक्षाणां देवर्षीणाञ्य नारदः” सभी वनस्पतियों में मैं पीपल हूं और देवऋषियों में मैं नारद हूं। ऐसा कहकर उन्होंने इस वृक्ष की महिमा स्वयं ही कह दी है। पीपल के पेड़ को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। प्राचीनकाल में ऋषि-मुनि पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर तपस्‍या किया करते थे।

पीपल की जड़ में विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में भगवान हरि और फल में सभी देवताओं से युक्त अच्युत सदा निवास करते हैं। इसलिए इसे साक्षात् विष्णु स्वरूप बताया गया है। पीपल के पेड़ को पानी देने से व्‍यक्ति जन्‍म-जन्‍म के पापों से मुक्ति पा जाता है।

अक्‍सर लोगों को यह कहते हुए सुना जाता है कि रात में पीपल के पेड़ के पास नहीं जाना चाहिए। वहां भूत रहते हैं। पीपल के पेड़ पर पितरों का वास माना जाता है। कहते हैं कि पीपल के पेड़ को कभी काटना नहीं चाहिए। ऐसा करने से पितृदोष लगता है। पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाकर रखने के बाद वापस पीछे मुड़कर नहीं देखा जाता।