गणतंत्र दिवस परेड से पंजाब और पश्चिम बंगाल की झांकियां क्यों हटी? रक्षा मंत्रालय ने दिया जवाब

Republic Day Parade 2024 देश में गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाली झांकियों को लेकर भी राजनीति शुरू हो गई है। इस बार गणतंत्र दिवस 2024 के लिए पंजाब और पश्चिम बंगाल की झांकियों को परेड में शामिल नहीं किया गया है जिसके बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर है। अब इसको लेकर रक्षा मंत्रालय का बयान सामने आया है।


गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाली झांकियों को लेकर भी राजनीति शुरू हो गई है। इस बार गणतंत्र दिवस 2024 के लिए पंजाब और पश्चिम बंगाल की झांकियों को परेड में शामिल नहीं किया गया है, जिसके बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर है।


रक्षा मंत्रालय ने यह कहा


मंत्रालय ने कहा कि दोनों राज्यों की झांकियों को तय प्रक्रिया के अनुसार ही हटाया गया है। मंत्रालय के नोटिस में कहा गया कि इस बार दोनों की झांकियां परेड की थीम अनुसार नहीं थी।


केंद्र सरकार ने 26 जनवरी, 2024 को नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रस्तावित झांकी को खारिज कर दिया है। इस बार, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रस्तावित तालिका का विषय कन्याश्री प्रकल्प परियोजना था, जो लड़कियों को स्कूल छोड़ने से हतोत्साहित करने और उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक वित्तीय सहायता कार्यक्रम है, और यह के एम ममता की पसंदीदा परियोजना है। बनर्जी. . . सत्तारूढ़ दल के नेताओं का मानना ​​है कि प्रस्तावित योजना को केंद्र सरकार ने जानबूझकर खारिज कर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य सरकार की इस “अनूठी बालिका विकास परियोजना” की सफलता की कहानियों को व्यापक प्रचार न मिले।

महिला, बाल विकास और कल्याण राज्य मंत्री शशि पांजा ने कहा, “अगर इस तस्वीर को खारिज नहीं किया गया होता, तो महिला विकास के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल सरकार की वैज्ञानिक दृष्टि सामने आती और यह” यह प्रक्रिया ध्यान के केंद्र में होती।” इस क्षेत्र में केंद्र सरकार की विफलताएँ स्पष्ट हो जातीं। दुर्भाग्य से, कन्याश्री परियोजना को केंद्र सरकार द्वारा मान्यता नहीं दी गई। हालाँकि, इसे संयुक्त राष्ट्र सहित अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा मिली .

तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के मुताबिक, परियोजना को मंजूरी देने का मतलब अप्रत्यक्ष रूप से यह स्वीकार करना होगा कि केंद्र सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ परियोजना वास्तव में पश्चिम बंगाल सरकार की एक परियोजना है।यह पहली बार नहीं है कि गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की ओर से प्रस्तावित झांकी को खारिज कर दिया गया है। इससे पहले 2020 और 2022 में भी पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से प्रस्तावित झांकियों को खारिज करने के मामले सामने आए थे।


26 जनवरी 2024 को कर्तव्य पथ पर होने वाले जश्न की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस दिन होने वाली परेड को खास और भव्य बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। लेकिन इसी बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस परेड को एक महीने पहले ही चर्चा में ला दिया। मान ने आरोप लगाया कि राजनीति के चलते केंद्र सरकार ने पंजाब की झांकी को 26 जनवरी के लिए नहीं चुना है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने पंजाब के साथ भेदभाव किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब और दिल्ली दोनों ही चयनित झांकी वाली सूची में नहीं हैं। राजनीति और आरोपों को एकतरफ रखते हुए

आइए समझते हैं कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड के लिए झांकियों का चयन कैसे किया जाता है?


परेड के लिए तैयारियां काफी पहले से ही शुरू हो जाती हैं


गणतंत्र दिवस की परेड के लिए तैयारियां काफी पहले से ही शुरू हो जाती हैं। इस दिन निकलने वाली झांकियों की तयारी के लिए जिम्मेदारी रक्षा मंत्रालय को सौंपी जाती है। वह ही तय करते हैं कि किस राज्य और किस विभाग की झांकी इस परेड में शामिल होगी। इसके लिए एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन होता है। कमिटी में आर्ट, कल्चर, पेंटिंग, स्कल्पचर, म्यूजिक, आर्किटेक्चर, कोरियोग्राफी क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोग होते हैं। एक्सपर्ट कमिटी बैठकें कर विभिन्न राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों से प्राप्त झांकियों के प्रस्तावों को देखती हैं। इन झांकियों का उनके विषय, डिजाइन और उसके विजुअल इंपैक्ट के आधार पर जांच करती है। इसके बाद अपनी सिफारिश डिफेंस मिनिस्ट्री को भेजती है।


इस दौरान कमिटी पहले फेज में सभी प्रस्तावों के स्केच/डिजाइन की जांच करती है। साथ ही जरूरी होने पर इसमें संशोधन के लिए सुझाव दिए जाते हैं। एक बार जब कमेटी स्केच और डिजाइन को पास कर देती है तो प्रतिभागियों को अपने प्रस्तावों के 3-डी मॉडल्स के साथ आने को कहा जाता है। हालांकि, मॉडल स्टेज में आने का मतलब सेलेक्शन नहीं होता है। इसके बाद फाइनल चयन के लिए एक्सपर्ट कमेटी विभिन्न आधार पर झांकियों के 3-डी मॉडल की जांच करती है। सेलेक्शन प्रक्रिया आम तौर पर 6 से 7 राउंड की बैठक के बाद पूरी होती है। इस दौरान हर स्टेज में कुछ प्रस्तावों को खारिज किया जाता है जबकि कुछ को शॉर्टलिस्ट किया जाता है।

कैसे होता है झांकियों का चयन?


कमिटी इस दौरान झांकी की विजुअल अपील, लोगों पर कितना प्रभाव डालेगी, आइडिया, थीम और म्यूजिक समेत कई अन्य फैक्टर भी देखती है। बता दें कि परेड के लिए एक तय समय होता है और इसी में सब कुछ संपत करना होता है। जिसे देखते हुए परेड में भाग लेने के लिए लिमिटेड संख्या में ही झांकियों को शॉर्टलिस्ट किया जाता है। इस दौरान ध्यान रखा जाता है कि सेलेक्शन प्रक्रिया के बाद सबसे अच्छी झांकी ही परेड में शामिल हो। इस दौरान जिन भी झांकियों का सिलेक्शन हो जाता है, उन्हें रक्षा मंत्रालय एक ट्रैक्टर और एक ट्रेलर मुहैया कराता है। हालांकि इसके अलावा अगर कोई भी झांकी अन्य कोई वाहन इसमें शामिल करना चाहती है तो उसे खुद ही इसका इंतजाम करना होता है। इसके लिए भी रक्षा मंत्रालय से अनुमति लेनी होती है।

इस बार कौन-कौन से राज्यों की झांकी को मिली अनुमति?


26 जनवरी 2024 को कर्तव्य पथ पर होने वाली इस परेड में किस राज्य की झांकी शामिल होगी, इसकी आधिकारिक जानकारी तो सामने नहीं आई है। लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि इस बार चयनित राज्यों में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान, ओडिशा, मणिपुर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गोवा, मेघालय, लद्दाख, कर्नाटक, झारखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़, असम, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार के कई मंत्रालय भी इस परेड में शामिल होंगे। इसके साथ ही भारतीय थल, जल और वायु सेना समेत अर्धसैनिक बलों की कई टुकडियां इस परेड में देश की ताकत को दिखाएंगी।

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