- दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराया
- पूरे देश में जश्न का माहौल
- 47 साल का लंबा इंतजार हुआ खत्म
- दीप्ति ने रचा इतिहास
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार महिला वनडे विश्व कप जीता। यह 47 साल का लंबा इंतजार खत्म हुआ और भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस जीत ने 140 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों को पूरा किया और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी। शेफाली वर्मा ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ और दीप्ति शर्मा ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ रहीं।
47 साल का लंबा इंतजार, अधूरे सपने और वर्षों की मेहनत। ये सब कुछ रविवार रात उस एक पल में समा गया जब हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार महिला वनडे विश्व कप अपने नाम किया।
नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम पर जब दक्षिण अफ्रीका का अंतिम विकेट गिरा तो पूरे देश का जन, गण, मन एक साथ भारत मात की जय से गूंज उठा। इस जीत के साथ भारतीय महिला क्रिकेट ने वो मुकाम छू लिया, जहां अब वह दुनिया के शीर्ष पर खड़ी है।
महिला टीम की यह पहली आइसीसी ट्राफी है। 1983 में कपिल देव और 2011 में महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में पुरुष टीम ने वनडे विश्व कप जीता था। अब हरमनप्रीत कौर की अगुआई में बेटियों ने भी विश्व चैंपियन का तमगा पा लिया।
यह जीत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर 297 रन का स्कोर खड़ा किया जो महिला वनडे विश्व कप फाइनल का दूसरा सर्वोच्च स्कोर है, जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम 246 रन पर आलआउट हो गई। कप्तान लौरा वोल्वार्ट (101) ने शतकीय पारी खेली, पर टीम को जीत नहीं दिला पाईं।
अद्भुत प्रदर्शन भारत के लिए इस मैच में शेफाली वर्मा ने बल्ले और गेंद से कमाल दिखाया। चोटिल प्रतिका रावल की जगह टीम में शामिल की गईं शेफाली ने 87 रनों की पारी खेलने के साथ ही दो विकेट भी लिए। वहीं दीप्ति शर्मा (58) ने भी अर्धशतक लगाने के अलावा पांच विकेट चटकाए।





