यूपी ने महिला उत्पीड़न मामलों के निस्तारण में मारी बाजी: देश में नंबर 1, दिल्ली दूसरे स्थान पर, बिहार की स्थिति चिंताजनक

उत्तर प्रदेश ने महिला उत्पीड़न से संबंधित मामलों के निस्तारण में 98.60% की प्रभावशाली दर के साथ देश में पहला स्थान हासिल किया है। दिल्ली 97.60% के साथ दूसरे और हरियाणा 97.20% के साथ तीसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने यह जानकारी साझा की।

आगरा के संजय प्लेस में मीडिया से बातचीत के दौरान बबीता सिंह चौहान ने बताया कि इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंस (ITSSO) के सर्वे के अनुसार, यूपी महिला उत्पीड़न मामलों के निस्तारण में सबसे आगे है। 21 अप्रैल 2018 से 3 जून 2025 तक दर्ज 1,22,130 प्राथमिकियों में से अधिकांश का निस्तारण हो चुका है, जबकि कुछ मामले न्यायालयों और विवेचना में लंबित हैं, जिन्हें जल्द पूरा किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में यूपी महिला सुरक्षा के मामले में सातवें स्थान पर था, तब निस्तारण दर 95% थी। अब त्वरित कार्रवाई और सख्त नीतियों के कारण स्थिति में सुधार हुआ है। अन्य बड़े राज्यों में उत्तराखंड 80% के साथ दूसरे और मध्य प्रदेश 77% के साथ तीसरे स्थान पर है।

हालांकि, बिहार में स्थिति चिंताजनक है, जहां लंबित मामलों का अनुपात (पेंडेंसी रेट) 34.5% है। तुलना में, यूपी का पेंडेंसी रेट मात्र 0.20% है। मणिपुर में यह 65.7% और तमिलनाडु में 58.0% है। महिला और बाल सुरक्षा संगठन (WCSO) हर माह इन मामलों की समीक्षा करता है, जिससे निस्तारण प्रक्रिया को और तेज किया जा रहा है।

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